Devoleena Bhattacharjee Religion: शादी के बाद कौन सा धर्म अपनाया? एक्ट्रेस ने किया खुलासा

Devoleena Bhattacharjee Religion: ‘साथ निभाना साथिया’ फेम टीवी एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी हाल ही में अपने पति शहनवाज शेख के साथ पारस छाबड़ा के पॉडकास्ट में नजर आईं। इस दौरान दोनों ने अपनी शादी, रिश्ते और धर्म को लेकर खुलकर बातचीत की। जब पारस ने देवोलीना से पूछा कि शादी के बाद आप कौन सा धर्म मानती हैं, तो इस पर देवोलीना ने साफ कहा कि हम दोनों ने कभी एक-दूसरे पर किसी भी चीज को लेकर जोर नहीं डाला। शहनवाज ने भी कहा, “हमने कभी एक-दूसरे पर कोई दबाव नहीं बनाया कि क्या करना है और क्या नहीं।”
देवोलीना बोलीं- मैं हिंदू हूं और वही रहूंगी
देवोलीना ने आगे कहा, “हम दोनों को पता था कि वो मुस्लिम हैं और मैं हिंदू हूं। हम पहले से यह जानते थे। अगर किसी रिश्ते को आगे ले जाना है, तो भविष्य में कई बार ऐसे मौके आएंगे जब फैसले लेने होंगे। इसलिए मेरे दिमाग में यह बात पहले से ही साफ थी कि मैं वही मानूंगी जो मैं पहले से मानती आई हूं। और उनके लिए भी यही बात थी। हमने कभी इस बात पर चर्चा नहीं की कि किसे किसका धर्म अपनाना चाहिए।”
रमज़ान में रखा था एक व्रत
बातचीत के दौरान पारस ने जब देवोलीना से रमज़ान के रोज़े को लेकर सवाल किया, तो एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने पिछले साल रमज़ान में एक रोज़ा रखा था। उन्होंने कहा, “मैंने एक बार रमज़ान में रोज़ा रखा था और वो भी शहनवाज के लिए। लेकिन उन्होंने कभी मुझे ऐसा करने को नहीं कहा। बल्कि वो खुद कहते हैं कि अगर नहीं रख सकती तो ज़बरदस्ती मत करो। मुझे सर्जरी हो चुकी है और मुझे एसिडिटी की समस्या भी है।”
रोज़ा रखना था मुश्किल, फिर मांगी माफ़ी
देवोलीना ने आगे बताया, “मैं खाना नहीं खाऊं तो चलता है, लेकिन पानी न पीना मुश्किल हो जाता है। मैं एकादशी का व्रत करती हूं, जिसमें मैं पानी पीती हूं और फल खा लेती हूं। लेकिन रमज़ान का रोज़ा बहुत कठिन था। मैंने कोशिश की, लेकिन फिर मैंने शहनवाज से माफ़ी मांगी और कहा कि आगे से मैं नहीं रख पाऊंगी। ये बहुत कठिन है।” देवोलीना की यह बात दर्शाती है कि उन्होंने अपने रिश्ते में एक-दूसरे के विश्वास का सम्मान किया है, लेकिन साथ ही अपनी सीमाओं और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा है।
देवोलीना और शहनवाज का रिश्ता आपसी समझ और सम्मान पर आधारित है। दोनों एक-दूसरे के धर्म में हस्तक्षेप नहीं करते और अपने-अपने विश्वासों के साथ जीवन जीते हैं। यह जोड़ी लोगों के लिए एक मिसाल है कि कैसे अलग-अलग धर्मों से आने के बावजूद एक मजबूत रिश्ता बनाया जा सकता है।